नेतृत्व के लिए कर्क लग्न सबसे अच्छा माना गया है। कर्क लग्र में उत्पन्न जातक अधिकांशत: नेतृत्व गुण वाले होते हैं। वैदिक ज्योतिष का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति केवल कर्क लग्न में ही उच्च का होता है।
राजनीति में जाने के लिए कुंडली में राजनीतिक सफलता का योग होना अनिवार्य है। भारतीय राजनीति में सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले राजनेताओं की कुण्डलियों के सूक्ष्म अध्ययन करने पर सामने आया कि कर्क लग्न में जन्म लेने वाले लोग राजनीति में सफलता प्राप्त कर सत्ता के शिखर पर पहुंचते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म लग्न है। धरती के सर्वाधिक निकट व सर्वाधिक प्रभावित करने वाले चंद्रमा के आधिपत्य का लग्न है।
राजनीति में जाने के लिए कुंडली में राजनीतिक सफलता का योग होना अनिवार्य है। भारतीय राजनीति में सत्ता के शिखर पर पहुंचने वाले राजनेताओं की कुण्डलियों के सूक्ष्म अध्ययन करने पर सामने आया कि कर्क लग्न में जन्म लेने वाले लोग राजनीति में सफलता प्राप्त कर सत्ता के शिखर पर पहुंचते हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि यह मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्म लग्न है। धरती के सर्वाधिक निकट व सर्वाधिक प्रभावित करने वाले चंद्रमा के आधिपत्य का लग्न है।
लीडरशिप के लिए कर्क लग्न है सबसे अच्छा
नेतृत्व के लिए कर्क लग्न सबसे अच्छा माना गया है। कर्क लग्र में उत्पन्न जातक अधिकांशत: नेतृत्व गुण वाले होते हैं। वैदिक ज्योतिष का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति केवल कर्क लग्न में ही उच्च का होता है। इस लग्न में कार्य भाव के अधिपति भौम, आय के शुक्र, धन के सूर्य और भाग्य के अधिपति देवगुरु होते हैं। कर्क लग्न के व्यक्ति को राजसत्ता मिलने की सम्भावना अधिक होती है। अधिकतर राजनीति में उच्च स्थानों पर सुशोभित नेताओं का भी यही लग्न देखा गया है।
कर्क लग्न के भारतीय शीर्ष नेता
भारत देश में सर्वाधिक राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री व कद्दावर नेता कर्क लग्न में ही जन्म लेने वाले हुए जिनमें भारत के पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, पं. जवाहरलाल नेहरू, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री इन्द्र कुमार गुजराल, श्रीमती सोनिया गांधी, श्री विश्वनाथ प्रताप सिंह, श्री एच.डी.देवेगौड़ा, एम करूणानिधि, मुलायम सिंह, वसुंधरा राजे, शीला दीक्षित, मायावती आदि अनेकानेक ऐसे बड़े राजनेता हैं जो कर्क लग्न में जन्मे और भारत देश की राजनीति के शिखर पर पहुंचे।
राजनीति में सफलता के लिए जरूर करें सूर्यदेव की उपासना
अब यहां एक महत्वपूर्ण बात और है राजनीति के क्षेत्र में आगे बढ़ने के भी दो मार्ग हैं एक सक्रिय चुनावी राजनीति और दूसरी संगठन की राजनीति। आप राजनीति के क्षेत्र में किसी भी प्रकार जुड़े हों, सफलता के लिए कुण्डली में सूर्य का अच्छा होना बहुत आवश्यक है। राजनीति से जुड़े या राजनीति में जाने की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को सूर्य की उपासना अवश्य करनी चाहिए।
Published In: www.amarujala.com