दिसम्बर 2019 यह वो समय था जब एक बहुत ही दुर्लभ ज्योतिषीय व खोगोलीय संयोग बना था। 26 दिसम्बर 2019 को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण पड़ा हलकि यह साल का तीसरा सूर्यग्रहण था परंतु पूर्ण सूर्यग्रहण के रूप मे यह साल का पहला ग्रहण था जो की भारत समेत अन्य कई देशो मे दिखाई पड़ा खगोलशास्त्र के साथ साथ ज्योतिष शस्त्र के नजरिए से ये एक बहुत ही दुर्लभ संयोग था।
जिसमे एक नही अपितु 6-6 ग्रहो का सायोग बनना एक असाधारण/असामान्य घटना व नकारात्मक ग्रहस्थिति थी सेकड़ों सालो बाद ये युक्ति हुए थी। धनु राशि मे ग्रहो के इस असामान्य संयोग मे सूर्य, शनि, बृहस्पति, बुध, चंद्र व केतू की युति हुए।
देवगुरु बृहस्पति ने वृश्चिक राशि से निकलकर अपनी मूल त्रिकोण राशि धनु में 5 नवंबर 2019 को प्रवेश करा था उस समय शनि और केतु की युति पहले से ही धनु राशि मे चल रही थी 24 जनवरी 2020 को शनि के मकर राशि में प्रवेश के बाद गुरुअपना असल प्रभाव देंगे ऐसा आचार्य प्रवीन चौहान ने पूर्व मे कहा था। अपने फेसबुक ट्विटर समेत सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से आचार्य प्रवीन चौहान ने नवम्बर व दिसम्बर मे अपने पोस्ट मे यह बात कही थी की आने वाले समय मे ग्रहो का असामान्य संयोग कुछ आश्चर्यजनक नकारात्मक व चकित करनेवाली घटना को बल देगा।
ज्योतिष में राहु व केतु दोनों को संक्रमण से होने वाली व छिपी हुई बीमारियों का ग्रह माना गया है। देवगुरु बृहस्पति जीवन का कारक ग्रह है जो हम सभी व्यक्तियों का प्रतिनिनधित्व करता है इसलिए जब भी देवगुरु बृहस्पति के साथ राहु या केतु का योग बनता है ऐसे समय में संक्रामक रोग व ऐसी बीमारिया फैलती हैं जिन्हें चिहि्नत करना अथवा समाधान कर पाना बहुत मुश्किल होता है।
आज कोरोनावायरस वैश्विक महामारी का रूप ले चुका है। चीन से फैले कोरोना वायरस ने भारत समेत दुनिया के कई देशों में हाहाकार मचा दिया है।कोरोना वायरस ( COVID-19 ) ने चीन, अमेरिका, भारत समेत 130 देशों में पैर पसार लिए हैं। WHO ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित कर दिया हैं। तेजी से फैलती इस महामारी की अब तक कोई दवा नहीं बनी है।
कब मिलेगी कोरोना वायरस से राहत
14 अप्रैल 2020 को सूर्य का मेष राशि में प्रवेश होगा जिस कारण सूर्य बलशाली होगा और राहु कमजोर पड़ जाएगा और इस महामारी से पीड़ित लोगों में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ेगी और रिकवरी रेट बढेगा। 28 जून 2020 को वक्री बृहस्पति वापस धनु में प्रवेश करेगा और इस महामारी का प्रभाव कम होगा नकारात्मकता में कमी आयेगी और शुभ फलों में वृद्धि होगी।
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