संजू बाबा, मुन्ना भाई और खलनायक के नाम से मशहूर बॉलीवुड के सुपरस्टार “संजय दत्त” हिन्दी सिनेमा जगत में अपने बेहतरीन अभिनय की वजह से जाने जाते हैं। रॉकी (1981) से बतौर हीरो अपने करियर की शुरूआत करने वाले संजय दत्त ने अपने लंबे सफर में कई सुपरहिट फिल्में दी हैं।
दर्शकों ने उन्हें हर किरदार में पसंद किया है। उनकी कुछ फिल्मों ने लोगों के दिलों पर गहरी छाप छोड़ी है। जिनमें सड़क, खलनायक, नाम, साजन, वास्तव, मुन्ना भाई एमबीबीएस, लगे रहो मुन्ना भाई, अग्निपथ प्रमुख हैं। साथ ही 2018 मे उनके जीवन पर बनी बायोपिक फिल्म संजु ने बॉक्स ऑफिस पर कई रिकॉर्ड बनाए। संजय दत्त का जन्म 29 जुलाई 1959, मुंबई में महान अदाकारा नरगिस दत्त और सुनील दत्त के घर हुआ था।
नाम: संजय दत्त
जन्म तिथि: जुलाई 29, 1959
जन्म समय: 14:45:00
जन्म स्थान: मुंबई
लग्न– वृश्चिक, चंद्र राशि- वृष, महादशा- शनि, अंतरदशा- केतू, नक्षत्र- कृतिका।
अभिनेता संजय दत्त का जन्म वृष राशि, वृश्चिक लग्न व कृत्तिका नक्षत्र के द्वितीय चरण में हुआ जिसमें चंद्र के उच्च के होने के कारण उन्होंने अभिनय के क्षेत्र में ख्याति अर्जित की। संजय दत्त की जन्म कुंडली में ग्रह इस प्रकार स्थित है:
लग्न वृश्चिक (8), शनि धनु राशि के होकर दूसरे भाव में, केतू मीन राशि के होकर पांचवें भाव, चन्द्रमा वृष राशि के होकर सातवें भाव में, सूर्य+बुध कर्क राशि के होकर नौवें भाव में, शुक्र+मंगल सिंह राशि के होकर दसवें भाव में, राहू कन्या राशि के होकर ग्यारहवें भाव में, बहस्पति तुला राशि के होकर बारहवें भाव में स्थित है।
यदि संजय दत्त की कुंडली का विश्लेषण करें तो लग्न (शरीर) का स्वामी मंगल 9 अंश का प्रबल होकर कुंडली के दशम भाव में बैठा है। लग्नेश 10वें भाव में हो तो व्यक्ति अपने बलबूते पर सफलता अर्जित करता है। मंगल के दशम होने के कारण उनका शरीर मजबूत रहेगा। परंतु कुंडली के सप्तम भाव में चन्द्रमा मात्र 01 अंश का कमजोर होने के कारण वे भावुक हृदय के रहेंगे।
‘कला’ का कारक शुक्र केंद्रस्थ होकर 10वें भाव में बैठा है जिसके फलस्वरूप इनको कला के क्षेत्र से जोड़ता और अभिनय की विशेष प्रतिभा देता है। शुक्र अपने शत्रु (सूर्य) के घर में मंगल के साथ विराजमान है जिसने इनको प्रेम संबंधों में डाला। केंद्रस्थ शुक्र के ही कारण संजय दत्त हमेशा अपने स्टाइल को लेकर सुर्ख़ियो मे रहे। 90 के दशक में संजय दत्त अपने लंबे बालों को लेकर तो कभी कीमती घड़ियां व महंगी गाड़ियो को लेकर काफी चर्चा में बने रहे।
बृहस्पति का तुला राशि मे होकर 12वें घर में होना एक अशुभ योग बनाता है जो कि इंसान को कोर्ट-कचहरी, जेल, मुकदमे के चक्करों में फंसाने वाली सभी संभावनाएं पैदा कर देता है। संजय दत्त की कुंडली में बृहस्पति यही कार्य कर रहा है गुरु की महादशा में 1998 से 2014 तक संजय दत्त ने जीवन में काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं।
11वें घर में बैठा राहु अपनी महादशा और अंतरदशा में पारिवारिक, आर्थिक व सामाजिक जीवन में किसी न किसी रूप से विभिन्न प्रकार के बंधनों और मृत्युतुल्य कष्ट देता है। राहु की महादशा में इनकी माता का देहान्त हुआ था व गुरु की महादशा और राहू की अंतर दशा 2013 में थी जब संजु बाबा को सुप्रीम कोर्ट ने टाडा अदालत के फ़ैसले को सही ठहराते हुए संजय को सज़ा सुनाई थी।
धनु राशि स्थित वक्री शनि कुंडली के दूसरे भाव मे विराजमान है शनि की महादशा के अनुसार जोकि 2014 से 2033 तक उनके जीवन को प्रभावित करेगी जिसमे इनको सेहत और सरकारी क्षेत्र मे थोड़ी समस्यां का सामना करना पड़ सकता है। सेहत की अगर बात करें तो इनको नसों व पेट से जुड़ी समस्याओं का विशेष ध्यान रखना होगा। संजु बाबा के जीवन में आए कष्ट में बहस्पति के साथ ही वक्री शनि व राहू ने बड़ी भूमिका निभाई। भाग्य भाव मे स्थित “बुधआदित्य योग” ने न केवल विरासत मे संपत्ति दी बल्कि रियल लाइफ मे इनको ‘खलनायक’ से नायक बनाया और जन सहयोग भी दिलाया।
वर्तमान में इनकी शनि की महादशा में केतू की अंतरदशा चल रही है व अगले वर्ष शुक्र की अंतर दशा प्रारम्भ होगी जो की 2024 तक प्रभावी होगी जिसमें ये अपनी कला व मेहनत से सफलता के नए आयाम छुएंगे। संजू बाबा को आवश्यकता से अधिक भावुक प्रवृत्ति पर नियंत्रण करना अत्यंत फलदायक होगा। साथ ही वक्री शनि के लिए काली चीजों का दान करना लाभकारी होगा। उम्मीद करते हैं संजु बाबा का आगामी वर्ष स्वर्णिम हो और उनकी आने वाली फिल्में सड़क 2, शमशेरा, केजीएफ चैप्टर 2 आदि बॉक्स ऑफिस पर सफल हों।
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